जमीन सर्वे आवेदन के लिए न हों परेशान, आईये जानते है कि अधिकारी ने कब तक आवेदन जमा करने का समय बताया है।
बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। विभिन्न प्रखंडों में शिविर लगाकर लोगों के द्वारा स्वघोषणा (प्रपत्र 2) आवेदन जमा की प्रक्रिया की जा रही है।जिसके कारण प्रखंड कार्यालय, निबंधन विभाग से लेकर अभिलेखागार में दस्तावेजों को प्राप्त करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
लोगों को ऐसा लग रहा है कि सर्वे की अंतिम तिथि जल्द ही घोषित होने वाली है।कुछ अफवाह की वजह से लोग परेशान हो रहे है। चारो तरफ ऐसा अफवाह है कि अंतिम तिथि सितंबर के अंतिम सप्ताह तक है। लेकिन, ऐसी अफवाहों पर आपलोगों को तनिक भी ध्यान नहीं देना होगा।
इसको लेकर सासाराम जिला के बंदोबस्त पदाधिकारी संजय कुमार सिन्हा ने भूमि सर्वेक्षण से संबंधित विभिन्न जानकारियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि लोगों को हड़बड़ाकर कर अपने जमीन के दस्तावेजों को ऑनलाइन आवेदन नहीं करना होगा। पूरी तरह अपनी भूमि दस्तावेजों को सहेज ले।इसके बाद आवेदन करने की प्रक्रिया करे। थोड़ी सी लापरवाही और हड़बड़ी से लोगों को परेशानी हो सकती है।क्योकि, भूमि-सर्वेक्षण के दस्तावेजों को ऑनलाइन जमा करने की तिथि अभी तय नहीं है।
आगे उन्होंने यह भी कहा कि जमीन की दस्तावेजों में रैयतों के लिए अपने पंजी टू जमीन की रसीद के साथ आवेदन कर सकते है। इसके लिये अद्यतन रसीद होना अनिवार्य नहीं है। जमीन की रसीद एक दो साल पूर्व कटी हुई रसीद जमा किया जा सकता है। लेकिन, लोगों को ईमानदारी से यह देखना होगा कि उक्त जमीन का निबंधन तो नहीं हुआ हो। उन्होंने बताया कि प्रपत्र2 स्वघोषणा आवेदन के लिए किसी प्रकार का शुल्क देय नहीं होगा।
जिला बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि जमीन सर्वेक्षण के आवेदन की प्रक्रिया जिन मौजो में पूरा हो जायेगा,उनमें से चार मौजों को मिलाकर एक कलस्टर बनाया जायेगा। जिसमें एक अमीन कार्य करेगा। उनके ऊपर चार मौजों की परीमाप की जिम्मेदारी होगी।साथ ही उन्होंने बताया कि जिले में चार सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों का पदस्थापन किया गया है। उनकी जिम्मेदारी होगी कि पंचायत स्तर पर भू-सर्वेक्षण का कार्य कर रहे कर्मचारियों के साथ लोगों का एक वाट्सएप ग्रुप बनाएंगे जिसमें सर्वे से संबंधित जानकारी साझा करेंगे।
उन्होंने यह साह तौर पर कहा कि लोगों को थोडा भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। भूमि दस्तावेजों के ऑनलाइन आवेदन के बाद लोगों को दावा आपत्ति के लिए समय मिलेगा। जिससे लोग अपनी जमीन की सही जानकारी ले सके। ऐसा भी हो सकता है कि ऑनलाइन आवेदन में किसी प्रकार की गड़बड़ी हो गयी हो।उसमें सुधार भी किया जा सकेइसके लिए इसकी सुनवाई होगी।सुनवाई के बाद उस जमीन का सर्वे फाइनल किया जायेगा।
जब से सर्वे का कार्य प्रारंभ हुआ है तब से जिले के लोग अपनी रैयती जमीन का खतियान प्राप्त करने के लिए जिला अभिलेख विभाग पहुंच कर लंबी लाइने लगाकर खड़े हो जाते है। करीब एक दिन में तीन से चार सौ लोग खतियान के लिए पहुंचते है।उनकी परेशानी को देखते हुए जिले के सभी मौजे का खतीयान स्कैन कर ऑनलाइन अपडेट किया गया है। बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि यदि किसी मौजे के कुछ खतीयान नहीं प्राप्त हो पा रहे है,उसके लिए भी कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने वंशावली के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि लोगों को वंशावली के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।स्वघोषित वंशावली मान्य होगा।साथ ही उन्होंने बताया कि जिन जमीनों का म्यूटेशन नहीं हुआ है, वैसे जमीन का केवाला भी दस्तावेज के रूप में जमा किया जा सकता है।